शनिवार, 19 अगस्त 2017

मासूम प्रार्थना ...
By ~ Pradeep Yadav ~

जा कर दर उसके ,

सहमे सहमे सही ,
पूछूँगा उस से ,
कभी इसकी भी सून ले  ,
बिगड़ी बनाने वाले |

बड़े दिलेर हैं ये बच्चे , 
अपनी मासूमियत से,
मेरी जिन्दादिली को ,
हरा देने वाले |

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~ प्रदीप यादव ~
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बुधवार, 7 दिसंबर 2016

कीमत

* * *
बेहतर हो
नफ़रत
सेंकने से
सर्द बर्फ काट
पिघलाई जाए ;

वक्त
कीमती है
तोह ज़िंदगी को
भी क़ीमत
समझाई जाए |
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~ प्रदीप यादव ~

बुधवार, 23 नवंबर 2016

नोट बंद है !
* * *
करना है
इंतज़ार ,
बढ़ रही
तकरार
नोट बंद हैं |

खुलती उधड़ी
जा रही ,
किसी तरह
ढंकी मुंदी
थी जो शान
नोट बंद हैं |

बिखरी पड़ी है
आशाएं मंगल
समारोह की,
सूने द्वाराचार
नोट बंद हैं |

देहावसान
पर हो रहा
जैसे तैसे संभव,
अंत का
संस्कार,
नोट बद है |
कुप्पा हो रही
फूल कर
हर बार
धन्य बंधन
सरकार ,
नोट बंद है |

लगी लगाम
आतंक पे
भयभीत ख़त्म
हुए भ्रष्टाचार,
नोट बद हैं |

झगड़ों में
रहते उदार
लेनदेन के
व्यापार
भोली ज़िंदगी
हठ अनुदार
मानती हार
नोट बंद हैं |
गोरखधंधे
के कलाकार
चुभने लगी
हाहाकार
नोट बंद है |
कतार पे
आरपार ,
मरते निराहार
निशक्त रार
विपक्ष प्रहार
भावुक हुए
सरकार
नोट बंद थे | //
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~ प्रदीप यादव ~

मंगलवार, 15 नवंबर 2016

* * *

ठण्ड से सीखती लडकियां

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झुकी
नज़र
के छुपे बोल
भइय्या, बाबा
के लिए
सिंकती
गरम रोटियों
तक ;

आज भी
मांएं
चूल्हे की
ताप से
गरम हुआ
झोपड़ा तज
जलावन
ढूंढ लाने
को कह
बेटियों को
कडकडाती
सर्दी में
रुह और मन
मज़बूत
बनाना
सिखाती हैं |
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~ प्रदीप यादव ~ chitr : Google